Heart Touching Sad Story in Hindi
एक माँ की कहानी
एक बच्चा था, बड़ा ही प्यारा। वह बच्चा दो महीना का था जब उसके पिता की मौत हो गई थी। वह बच्चा अपनी माँ के साथ रहता था। उस बच्चे की माँ की एक आंख नहीं थी। इसलिए वह शकल से अच्छी नहीं दिखती थी। जब वह बच्चा छोटा था तब वह अपनी माँ को खूब प्यार करता था।
जब वह बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा तब उसे यह महसूस होने लगा की उसकी माँ की शकल अच्छी नहीं है। तो उसे इस बात पर शर्म आने लगी। वह बच्चा स्कूल में अपनी माँ को लेकर नहीं जाता था। क्युकी उसे लगता था की अगर वह अपनी माँ को साथ लेकर गया तो उसकी अपने दोस्तों के सामने बेजती होगी। उसकी मां अपने बेटे को इस बातों और सोच की बजह से बहुत दुखी हो जाया करती थी। मगर उसने अपने बेटे को कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी।
वक़्त गुजरने के साथ साथ जैसे उसका बेटा बड़ा होता गया, उसने अपनी माँ का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। और वह अपनी माँ को उसकी बुरी शकल की बजह से बातें भी सुनाता था। उसकी माँ चुपचाप उसकी बातें सुनती और रोने लगती।
उसका बेटा अब बहुत बड़ा हो चूका था। उसकी शादी हो गई। उसकी पत्नी ने भी उसे यह कहना शुरू कर दिया की उसकी माँ की एक आंख नहीं है और उसकी शकल भी अच्छी नहीं है। वह हर रोज अपने पति को यही बात बोलती थी। एक दिन, उसके बेटे ने अपनी माँ को घर से निकाल दिया। अब वह माँ किसी और जगह एकेली रहने लगी। और बहुत मुश्किल से अपनी जिंदगी गुजार रही थी क्युकी वह बहुत बूढ़ी हो चुकी थी।
वक़्त गुजरता गया और एक दिन, उसके बेटे का जन्मदिन आ गया। उसकी माँ को अपने बेटे का जन्मदिन याद था। इसलिए वह रात को एक खत और फूल लेकर अपने बेटे के घर की ओर चल पड़ी। घर पहुंचकर उसने दरवाजा खटखटाया। उसका बेटा बहार आया तो उसने अपने बेटे को वह खत और फूल दिया और जन्मदिन की बधाई देकर वहां से चला गया।
उसके बेटे ने अंदर जाकर फूल रखा और खत खोला। उस खत में लिखा था “बेटे, मैं जानती हूँ मेरी एक आंख नहीं है इसलिए मैं शकल से बुरी दिखती हूँ। मगर बेटा आज मैं तुम्हे एक बात बता रही हूँ जो मैंने तुम्हे कभी नहीं बताई। तुम छह महीने के थे जब एक बार बिस्तर से गिर गए थे। निचे तुम्हारी खिलोने पड़े थे। उनमे से एक खिलौना तुम्हारे आंख में लगा। मैं तुम्हे हॉस्पिटल ले गई। तो डॉक्टर ने कहा तुम्हारी एक आंख जाया हो चुकी है, अब इसका सिर्फ एक ही हल था की कोई अपना एक आंख तुम्हे दे। मैंने बिना वक़्त जाया किये डॉक्टर से अपनी आंख तुम्हे देने के लिए कहा। उस दिन मेरी एक आंख निकाल कर तुम्हे दे दी गई। उस दिन से मेरी एक आंख नहीं है और इसलिए मेरी शकल बुरी दिखती है। मैंने तुम पर कोई ऐसान नहीं किया। लेकिन मैं तुम्हे एक बात जरूर कहना चाहूंगी की बेटा, माँ बदसूरत तो हो सकती है, मगर बुरी नहीं हो सकती।”
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