कहानी 1: “दोस्ती का अनमोल तोहफा” | Short Story in Hindi
राहुल और समीर बचपन के दोस्त थे, जिनकी दोस्ती की मिसाल पूरा मोहल्ला देता था। दोनों ने साथ में स्कूल से लेकर कॉलेज तक का सफर तय किया था। एक दिन समीर की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टर ने बताया कि उसे एक गंभीर बीमारी है और उसे लंबे इलाज की जरूरत होगी।
राहुल को यह सुनकर बहुत धक्का लगा, लेकिन उसने बिना सोचे-समझे अपनी पढ़ाई और काम छोड़कर समीर के साथ रहने का फैसला किया। उसने दिन-रात समीर की देखभाल की, उसकी हर जरूरत का ख्याल रखा और उसे हिम्मत बंधाई। इस दौरान, राहुल ने समीर के परिवार का भी सहारा बना, ताकि वे इस मुश्किल घड़ी में टूट न जाएं। Short Story in Hindi
समीर की हालत धीरे-धीरे सुधरने लगी। उसकी इस बीमारी के दौरान, राहुल ने यह सुनिश्चित किया कि समीर को किसी भी चीज की कमी न हो। उसने उसे प्रेरित किया, हँसाया और उसकी तकलीफ में उसका साथी बना। इस “short story in hindi” में राहुल की दोस्ती और समर्पण ने समीर को जल्दी ही ठीक कर दिया।
समीर जब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया, तो उसने राहुल का धन्यवाद किया और कहा, “तुम्हारे बिना मैं यह लड़ाई नहीं जीत पाता। तुमने सच में दोस्ती का अनमोल तोहफा दिया है।”
कहानी 2: “सच्चाई की जीत” | Short Story

नीरा एक मेहनती और समर्पित कर्मचारी थी। उसे अपनी कंपनी में एक महत्वपूर्ण प्रेजेंटेशन तैयार करनी थी, जिस पर उसके प्रमोशन का भविष्य निर्भर था। उसने कई रातों तक जागकर मेहनत की और एक शानदार प्रेजेंटेशन तैयार किया।
लेकिन, उसकी सहकर्मी रीमा ने धोखे से नीरा के काम को अपना बताया और बॉस से उसे प्रस्तुत करने का अवसर माँग लिया। नीरा को जब यह पता चला, तो वह बेहद निराश हुई, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने सोचा कि उसे यह लड़ाई सच्चाई से लड़नी चाहिए। Short Story in Hindi
नीरा ने अपने बॉस से सच्चाई बताई और अपने द्वारा की गई मेहनत के सबूत प्रस्तुत किए। बॉस ने उसकी ईमानदारी की सराहना की और उसे प्रेजेंटेशन देने का असली मौका दिया। इस “short story in hindi” में नीरा की ईमानदारी और साहस ने जीत हासिल की।
प्रेजेंटेशन के बाद, बॉस ने नीरा को प्रमोट किया और रीमा को उसकी गलती का एहसास कराया। नीरा ने यह साबित किया कि सच्चाई की जीत हमेशा होती है और ईमानदारी से बड़ा कोई गुण नहीं होता।
कहानी 3: “पर्यावरण का प्रहरी”

अमन एक छोटे से गाँव में रहता था, जहाँ पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही थी। उसने देखा कि इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, और भविष्य में यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है। पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए, अमन ने गाँव के बच्चों को पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित किया।
अमन ने बच्चों के साथ मिलकर एक वृक्षारोपण अभियान शुरू किया। उन्होंने गाँव के हर खाली स्थान पर पेड़ लगाए और उनकी नियमित देखभाल की। धीरे-धीरे, गाँव का पर्यावरण सुधरने लगा। इस “short story in hindi” में अमन ने दिखाया कि एक व्यक्ति भी बड़े बदलाव ला सकता है।
गाँव के लोग अमन की इस पहल से प्रभावित हुए और उन्होंने भी पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना शुरू किया। कुछ ही वर्षों में, गाँव हरा-भरा हो गया और पर्यावरणीय संतुलन वापस लौट आया। अमन की इस कोशिश ने साबित कर दिया कि जब हम पर्यावरण की रक्षा के लिए एकजुट होते हैं, तो हम असंभव को भी संभव बना सकते हैं। Short Story in Hindi
कहानी 4: “माँ की ममता” | Short Story in Hindi

सुरभि एक किशोरी थी जो अपनी पढ़ाई और दोस्तों में व्यस्त रहती थी। उसकी माँ एक मेहनती गृहिणी थीं, जो पूरे परिवार की देखभाल करती थीं। एक दिन, सुरभि ने देखा कि उसकी माँ कितना काम करती हैं और फिर भी कभी शिकायत नहीं करतीं। उसने सोचा कि उसे अपनी माँ को थोड़ा आराम देना चाहिए।
सुरभि ने अपनी माँ के लिए एक योजना बनाई। उसने तय किया कि एक दिन के लिए वह सभी घर के काम खुद करेगी और अपनी माँ को विश्राम देगी। उसने सुबह उठकर घर की सफाई की, नाश्ता तैयार किया और अपनी माँ को चाय के साथ बिस्तर पर ले जाकर दिया।
दिन भर में, सुरभि ने खाना पकाया, बर्तन धोए और घर के सभी काम किए। शाम को, उसने अपनी माँ के लिए एक विशेष डिनर भी तैयार किया। इस “short story in hindi” में सुरभि ने माँ की ममता और त्याग को समझा और सराहा।
सुरभि की माँ यह देखकर भावुक हो गईं और उन्होंने कहा, “तुमने आज मेरा दिल जीत लिया, बेटा।” इस घटना ने सुरभि को यह सिखाया कि माँ की ममता की कोई तुलना नहीं होती और हमें उनकी कदर करनी चाहिए।
कहानी 5: “सपनों की उड़ान” | Short Story in Hindi

रोहन को हमेशा से पायलट बनने का सपना था। लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिसके कारण वह अपनी ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पा रहा था। उसने हार नहीं मानी और दिन-रात मेहनत की। उसने कई जगहों पर अंशकालिक काम किया और अपनी पढ़ाई जारी रखी। Short Story in Hindi
रोहन की मेहनत रंग लाई जब उसे एक प्रतिष्ठित वायुसेवा कंपनी से छात्रवृत्ति मिली। इस छात्रवृत्ति ने उसे पायलट की ट्रेनिंग पूरी करने का अवसर दिया। ट्रेनिंग के दौरान, उसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सभी को प्रभावित किया।
अंततः, वह अपने सपने को साकार कर पाया और एक सफल पायलट बन गया। इस “short story in hindi” में रोहन की मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उसे उसकी मंजिल तक पहुँचाया।
जब उसने अपनी पहली उड़ान भरी, तो वह अपने माता-पिता को याद करके भावुक हो गया, जिन्होंने हमेशा उसका समर्थन किया था। रोहन ने यह साबित कर दिया कि अगर हम अपनी मेहनत और लगन के साथ अपने सपनों की उड़ान भरें, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती। Short Story in Hindi
कहानी 6: “सच्ची खुशी का अहसास”

सीमा एक सफल कारोबारी महिला थी, जिसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी। उसका जीवन बाहरी तौर पर देखने में बेहद शानदार था। बड़े घर, महंगी गाड़ियाँ और आलीशान पार्टियों के बीच, सीमा ने सब कुछ हासिल कर लिया था। लेकिन उसके मन में हमेशा एक खालीपन सा महसूस होता था, जैसे कि उसकी जिंदगी में कुछ कमी हो। Short Story in Hindi
एक दिन, सीमा ने अपने एक मित्र से सुना कि शहर के एक अनाथालय में बच्चों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उसने सोचा कि वह भी वहाँ जाकर देखेगी कि कैसे लोग दूसरों की मदद करते हैं। जब वह अनाथालय पहुँची, तो बच्चों के मासूम चेहरे देखकर उसका दिल भर आया।
वहाँ के बच्चे बहुत खुश थे, भले ही उनके पास सीमित साधन थे। सीमा ने उनके साथ समय बिताया, उनके साथ खेली और उनकी बातें सुनीं। बच्चों की सरलता और खुशी ने सीमा के दिल को छू लिया। Short Story in Hindi
उस दिन के बाद, सीमा ने महसूस किया कि उसकी जिंदगी में जो कमी थी, वह दूसरों की मदद करने की थी। उसने फैसला किया कि वह अपनी संपत्ति का एक हिस्सा इन बच्चों की शिक्षा और भलाई के लिए समर्पित करेगी। उसने अनाथालय के लिए एक नई लाइब्रेरी बनवाई, जहाँ बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें और अन्य सामग्रियाँ उपलब्ध हों।
समय के साथ, सीमा ने बच्चों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिनमें कला, संगीत और खेलकूद शामिल थे। उसने यह भी सुनिश्चित किया कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, ताकि वे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकें।
सीमा की इस पहल से अनाथालय के बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव आया। उनके चेहरे पर मुस्कान और आँखों में भविष्य के सपने चमकने लगे। सीमा को सच्ची खुशी का अहसास तब हुआ जब उसने देखा कि उसकी मदद से बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। Short Story in Hindi
इस “short story in hindi” में सीमा को यह समझ आया कि सच्ची खुशी केवल धन-दौलत में नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में खुशियाँ बाँटने में है। उसने यह भी सीखा कि जब हम अपने संसाधनों का उपयोग समाज के लिए करते हैं, तो हमें जीवन का सच्चा अर्थ समझ में आता है।
कहानी 7: “दादी की कहानी”

रवि अपनी दादी के बहुत करीब था। उसकी दादी उसे हर रात नए-नए किस्से और कहानियाँ सुनाया करती थीं। ये कहानियाँ कभी राजाओं-महाराजाओं की होतीं, तो कभी पशु-पक्षियों की। रवि को दादी की कहानियाँ सुनना बहुत पसंद था।
एक रात, जब रवि अपनी दादी के पास बैठा था, उसने पूछा, “दादी, आपके बचपन की कोई कहानी सुनाओ ना।” दादी मुस्कराईं और कहा, “अच्छा बेटा, सुनो।”
दादी ने अपनी कहानी शुरू की, “जब मैं तुम्हारी उम्र की थी, तब हमारा गाँव बहुत छोटा था। वहाँ स्कूल नहीं था और बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गाँव जाना पड़ता था। मेरे पिता जी चाहते थे कि गाँव के सभी बच्चे पढ़ें, इसलिए उन्होंने गाँव में एक स्कूल खोलने का फैसला किया।”
रवि ने उत्सुकता से पूछा, “फिर क्या हुआ दादी?” Short Story in Hindi
दादी ने बताया, “शुरुआत में लोगों ने इसका विरोध किया। वे नहीं समझ पा रहे थे कि शिक्षा का क्या महत्व है। लेकिन मेरे पिता जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने लोगों को समझाया कि शिक्षा से उनका भविष्य सुधर सकता है। धीरे-धीरे लोग उनकी बात समझने लगे और उन्होंने स्कूल के लिए जमीन और पैसे का इंतजाम किया।”
“स्कूल बनकर तैयार हुआ और मैं उस स्कूल की पहली छात्रा थी,” दादी ने गर्व से कहा। “आज वही स्कूल गाँव का सबसे बड़ा स्कूल है, जहाँ हजारों बच्चे पढ़ते हैं।”
रवि को यह जानकर गर्व हुआ कि उसकी दादी ने समाज के लिए कितना बड़ा योगदान दिया है। इस “short story in hindi” ने रवि को प्रेरित किया कि वह भी अपने जीवन में कुछ ऐसा करे जिससे दूसरों की भलाई हो। उसने सोचा कि वह भी दादी की तरह समाज के लिए कुछ करेगा।
कहानी 8: “एक नई शुरुआत”

आशा एक गृहिणी थी, जिसने अपनी पूरी जिंदगी अपने परिवार के लिए समर्पित कर दी थी। उसके दिन का अधिकांश समय परिवार की देखभाल और घर के कामों में व्यतीत होता था। हालांकि वह अपने परिवार से बहुत प्यार करती थी, लेकिन उसके दिल में हमेशा यह ख्वाहिश रहती थी कि वह अपने लिए कुछ करे।
एक दिन, आशा ने अपने पुराने स्केचबुक को देखा, जिसमें उसने सालों पहले कुछ पेंटिंग्स बनाई थीं। उसे याद आया कि उसे पेंटिंग का कितना शौक था। उसने सोचा कि क्यों न वह फिर से पेंटिंग शुरू करे?
आशा ने पेंटिंग क्लासेस जॉइन की और धीरे-धीरे अपने हुनर को निखारा। उसने सीखने की प्रक्रिया का आनंद लिया और अपने अंदर की कला को फिर से जीवित किया। Short Story in Hindi
कुछ महीनों बाद, आशा की पहली आर्ट एग्जिबिशन का आयोजन हुआ। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि लोग उसकी कला को देखने आएंगे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, लोगों ने उसकी पेंटिंग्स की बहुत प्रशंसा की।
इस “short story in hindi” में आशा ने दिखाया कि किसी भी उम्र में नई शुरुआत की जा सकती है और अपने सपनों को पूरा किया जा सकता है। उसने यह भी सीखा कि खुद के लिए समय निकालना और अपने शौक को आगे बढ़ाना कितना महत्वपूर्ण है।
आशा की कहानी ने उसके परिवार और दोस्तों को भी प्रेरित किया कि वे अपनी रुचियों और सपनों का पीछा करें।
कहानी 9: “खोया हुआ खिलौना”

छोटा अर्जुन अपने बचपन के सबसे प्रिय खिलौने को कहीं खो बैठा था। वह खिलौना उसकी हर खुशी का हिस्सा था और उसे खोने से वह बेहद उदास हो गया था। उसने घर का हर कोना छान मारा, लेकिन खिलौना नहीं मिला। Short Story in Hindi
अर्जुन की दादी ने देखा कि वह कितना परेशान है। उन्होंने अर्जुन को अपने पास बुलाया और कहा, “बेटा, खिलौने तो फिर से मिल जाएंगे, लेकिन असली खुशी अपनों के साथ समय बिताने में है।”
अर्जुन ने दादी की बात को ध्यान से सुना। उन्होंने उसे बताया कि कैसे बचपन में उनके पास बहुत कम खिलौने होते थे, लेकिन वे अपने भाई-बहनों के साथ खेलकर बहुत खुश रहते थे।
दादी ने अर्जुन को उसके दोस्तों के साथ खेलने के लिए प्रेरित किया। अर्जुन ने दादी की बात मानी और अपने दोस्तों के साथ खेलने चला गया।
इस “short story in hindi” में अर्जुन ने सीखा कि जीवन की सच्ची खुशियाँ छोटी-छोटी चीजों में छुपी होती हैं और अपनों के साथ बिताया गया समय ही सबसे अनमोल होता है।
कहानी 10: “सपनों का पीछा”

कविता को हमेशा से लेखन का शौक था। कॉलेज के दिनों में, उसने कई कहानियाँ और कविताएँ लिखी थीं। लेकिन शादी और नौकरी के बाद की जिम्मेदारियों में वह अपने इस शौक को भूल गई थी।
एक दिन, उसके पति ने उसके पुराने लेखन को देखा और उसे एक लेखन कार्यशाला में शामिल होने का सुझाव दिया। कविता ने पहले झिझकते हुए मना किया, लेकिन पति के प्रोत्साहन से उसने कार्यशाला में भाग लेने का निर्णय लिया।
कार्यशाला के दौरान, कविता ने अपनी लेखन प्रतिभा को फिर से खोजा। उसने अपनी भावनाओं और विचारों को शब्दों में पिरोया और कुछ कहानियाँ लिखीं। उसकी कहानियाँ प्रकाशित हुईं और लोगों ने उन्हें सराहा।
इस “story in hindi” में कविता ने सीखा कि सपनों का पीछा करने में कभी देर नहीं होती। जब आप अपने दिल की सुनते हैं और उसे व्यक्त करते हैं, तो सफलता निश्चित होती है।
कविता की कहानी ने यह साबित किया कि जीवन में कभी भी अपने सपनों को न छोड़ें, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।