एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक पुरानी और रहस्यमयी हवेली थी। यह हवेली गांव के पश्चिमी छोर पर स्थित थी और इसे लेकर कई “bhoot wali kahani” प्रचलित थीं। गाँव के लोग कहते थे कि इस हवेली में आत्माओं का बसेरा है और रात के समय वहाँ से अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं।
गाँव के बच्चे अक्सर उस हवेली के पास जाने से डरते थे। उनके माता-पिता ने उन्हें “bhoot wali kahani” सुनाई थी कि कैसे रात के समय हवेली में सफेद साया घूमता है। लेकिन कुछ साहसी युवाओं ने ठान लिया था कि वे इस रहस्य का पर्दाफाश करेंगे।
उन युवाओं में से एक था रवि, जो हमेशा रोमांचक कहानियों और “bhoot wali kahani” को सुनकर उत्साहित हो जाता था। एक दिन, उसने अपने दोस्तों को एकत्र किया और कहा, “हम इस भूत वाली कहानी को जानने के लिए हवेली के अंदर जाएंगे।” उसके दोस्तों ने पहले तो मना किया, लेकिन फिर रोमांच के लालच में आकर तैयार हो गए।
अगली रात, पूर्णिमा का चाँद अपनी पूरी चमक के साथ आसमान में था। रवि और उसके दोस्त, जिनमें सुमित, नेहा, और आर्यन शामिल थे, टॉर्च और कैमरे के साथ हवेली की ओर चल पड़े। “bhoot wali kahani” की सच्चाई जानने के लिए उनका उत्साह चरम पर था।
हवेली के पास पहुँचकर, उन्होंने देखा कि दरवाजा जंग लगा हुआ था और उस पर मकड़ी के जाले लगे थे। लेकिन रवि ने हिम्मत नहीं हारी। उसने धीरे से दरवाजा खोला और सब अंदर चले गए। अंदर घुप्प अंधेरा था। उनकी टॉर्च की रोशनी में धूल से भरे फर्नीचर और टूटे-फूटे सामान नज़र आ रहे थे। हवेली की दीवारों पर पुरानी पेंटिंग्स लटकी थीं, जिनकी आँखें मानो उन्हें घूर रही थीं।
चलते-चलते उन्हें एक बड़ा हॉल मिला, जहाँ हर कदम पर फर्श चरमराता था। तभी अचानक, ठंडी हवा का झोंका आया और एक खिड़की अपने आप खुल गई। नेहा डर कर बोली, “यह सब “bhoot wali kahani” सच होती जा रही है।” लेकिन रवि ने उसे दिलासा दिया और कहा कि यह सिर्फ हवा है।
फिर उन्होंने एक कमरे की ओर कदम बढ़ाया, जहाँ से हल्की रोशनी आ रही थी। अंदर पहुँचकर देखा कि वहाँ एक पुराना लैंप जल रहा था। यह देखकर सब चौंक गए, क्योंकि उनके हिसाब से यहाँ कोई नहीं रहता था। तभी अचानक, उन्हें पीछे से किसी के हँसने की आवाज़ आई। सब मुड़कर देखने लगे, लेकिन कोई नहीं था।
सुमित ने डरते हुए कहा, “यह जगह सच में bhoot wali kahani जैसी लग रही है। हमें यहाँ से चलना चाहिए।” लेकिन रवि ने कहा, “हम यहाँ सच जानने आए हैं और हमें पता लगाना होगा।”
आगे बढ़ते हुए, उन्होंने एक और दरवाजा देखा, जो थोड़ा खुला हुआ था। अंदर झाँकते ही उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं। वहाँ एक पुराना पुस्तकालय था, जिसकी किताबें धूल से भरी थीं। लेकिन सबसे अजीब बात यह थी कि एक किताब मेज पर खुली रखी थी। वह किताब “bhoot wali kahani” से भरी हुई थी। उसके पन्नों पर कई रहस्यमयी चित्र थे, जिनमें आत्माएँ और अनजान प्राणी दिखाए गए थे।
इतने में, आर्यन ने कहा, “यह सब बहुत अजीब है। इस किताब का यहाँ होना और खुला होना, यह सब “bhoot wali kahani” के जैसा ही है।”
तभी उन्हें एक दराज में एक पुरानी चिट्ठी मिली। उस चिट्ठी में लिखा था कि यह हवेली पहले एक धनी परिवार की थी, जो अचानक एक रात गायब हो गया था। लोगों का मानना था कि वे आत्माएँ बन गए हैं और इस हवेली में रहते हैं। यह चिट्ठी पढ़कर सबके रोंगटे खड़े हो गए।
रवि ने कहा, “यह “bhoot wali kahani” सच हो सकती है, लेकिन हमें और सबूत चाहिए।”
उन्होंने हवेली के और हिस्सों की खोजबीन की। एक कमरे में, उन्होंने एक पुरानी तस्वीर देखी जिसमें हवेली के पुराने मालिक और उनके परिवार की फोटो थी। लेकिन सबसे अजीब बात यह थी कि तस्वीर में एक व्यक्ति का चेहरा धुंधला था। सबने सोचा कि शायद यही वह आत्मा है जो यहाँ घूमती है।
इतने में, उन्हें फिर से हँसी की आवाज़ सुनाई दी, इस बार और भी स्पष्ट। उन्होंने देखा कि एक परछाई तेजी से बाहर की ओर भाग रही है। सबने उसका पीछा किया, लेकिन वह गायब हो गई। नेहा ने कहा, “यह “bhoot wali kahani” का सबसे डरावना हिस्सा है। हमें अब चलना चाहिए।”
लेकिन रवि अब भी हिम्मत नहीं हारा। उसने कहा, “हमने इस “bhoot wali kahani” की तह में जाने का वादा किया है। हमें यह पता करना होगा कि यह परछाई कौन है।”
वह सब फिर से हॉल में आए, जहाँ उन्होंने देखा कि खिड़की अब बंद हो चुकी थी। तभी, किसी ने धीरे से दरवाजे पर दस्तक दी। सब थर-थर कांपने लगे। दरवाजा खुला और एक बूढ़ा आदमी अंदर आया। उसने कहा, “बच्चों, डरने की कोई बात नहीं है। मैं इस हवेली का रखवाला हूँ।”
उसने बताया कि वह परछाई और आवाजें उसकी ही थीं। वह बच्चों को डराना नहीं चाहता था, लेकिन वह चाहता था कि लोग इस हवेली में प्रवेश न करें। उसने बताया कि “bhoot wali kahani” सिर्फ एक अफवाह है, ताकि हवेली की अनमोल धरोहर सुरक्षित रहे।
यह सुनकर सभी ने राहत की सांस ली। उन्होंने उस बूढ़े आदमी का धन्यवाद किया और गाँव लौट आए। अब वे जानते थे कि “bhoot wali kahani” सिर्फ एक कहानी थी, लेकिन इसने उन्हें साहस और दोस्ती का सबक सिखाया।
इस तरह, एक और “bhoot wali kahani” का रहस्य सुलझ गया, और गाँव के लोग अब उस हवेली से नहीं डरते थे, क्योंकि वे जानते थे कि यह सब सिर्फ एक कहानी थी।

Bhoot Wali Kahani in Hindi
बूढ़े व्यक्ति द्वारा सच बताने के बाद, रवि और उसके दोस्तों ने राहत की सांस ली। लेकिन उनके मन में अभी भी कई सवाल थे। क्या यह सच में सिर्फ एक अफवाह थी या “bhoot wali kahani” के पीछे कुछ और रहस्य छिपा था?
रवि ने अपने दोस्तों से कहा, “हमने भले ही हवेली का रहस्य जान लिया हो, लेकिन मुझे लगता है कि इस ‘bhoot wali kahani’ में कुछ और भी छिपा है। हमें इस बूढ़े व्यक्ति के बारे में और जानकारी जुटानी चाहिए।”
गाँव लौटते ही, उन्होंने गाँव के बुजुर्गों से हवेली के इतिहास के बारे में पूछताछ की। एक बुजुर्ग ने बताया, “यह हवेली पहले एक धनी जमींदार की थी। लेकिन एक रात, पूरा परिवार अचानक गायब हो गया। तभी से लोग इसे भूतिया हवेली मानने लगे।”
नेहा ने उत्सुकता से पूछा, “लेकिन वह बूढ़ा व्यक्ति कौन है और वह यहाँ क्यों है?”
बुजुर्ग ने उत्तर दिया, “वह व्यक्ति हवेली के मालिक का पुराना नौकर है। जब परिवार गायब हुआ, तब उसने हवेली की देखभाल का जिम्मा ले लिया।”
अब तक, रवि और उसके दोस्तों ने यह तय कर लिया था कि वे “bhoot wali kahani” के पीछे की सच्चाई का पता लगाएंगे। उन्होंने अगले दिन हवेली में जाकर उस बूढ़े व्यक्ति से मिलने का निश्चय किया।
अगली सुबह, वे फिर से हवेली पहुँचे। बूढ़ा व्यक्ति उन्हें देखकर मुस्कुराया और कहा, “तुम लोग फिर आ गए? क्या मेरा जवाब कल रात तुम्हें संतुष्ट नहीं कर पाया?”
रवि ने शांति से कहा, “हम बस यह जानना चाहते हैं कि इस ‘bhoot wali kahani‘ के पीछे की सच्चाई क्या है।”
बूढ़े व्यक्ति ने गहरी साँस लेते हुए कहा, “ठीक है, मैं तुम्हें पूरी कहानी बताता हूँ।”
“बहुत साल पहले, इस हवेली में जमींदार का परिवार रहता था। वे लोग बहुत अच्छे और दयालु थे। लेकिन एक रात, कुछ डाकुओं ने हवेली पर धावा बोला। जमींदार और उनका परिवार गायब हो गया, और लोग कहने लगे कि उनकी आत्माएं इस हवेली में भटकती हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि जमींदार का परिवार सुरक्षित भाग निकला था और उन्होंने गाँव छोड़ दिया।”
रवि ने चौंककर पूछा, “तो फिर यह ‘bhoot wali kahani’ कैसे शुरू हुई?”
बूढ़े व्यक्ति ने हँसते हुए कहा, “यह सब मैंने ही शुरू किया, ताकि लोग हवेली की अनमोल चीज़ों को चुरा न लें।”
सुमित ने कहा, “तो यह सब सिर्फ एक कहानी थी?”
बूढ़े व्यक्ति ने सिर हिलाते हुए कहा, “हाँ, मैंने यह सब सिर्फ हवेली को सुरक्षित रखने के लिए किया। लेकिन अब जब तुम लोग सच जान चुके हो, तो मुझे यह सब बंद करना होगा।”
बूढ़े व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर हवेली की मरम्मत शुरू की। उन्होंने गाँव वालों को बताया कि अब वहाँ कोई भूत वाली कहानी नहीं है और लोग हवेली में आ सकते हैं।
इस बीच, रवि और उसके दोस्तों ने तय किया कि वे इस ‘bhoot wali kahani’ को गाँव में एक नाटक के रूप में प्रस्तुत करेंगे। इससे गाँव वालों का मनोरंजन भी होगा और वे सच को भी जान सकेंगे।
नाटक की तैयारी शुरू हो गई। रवि ने नाटक का निर्देशन किया, नेहा ने अभिनय किया, सुमित ने संगीत का प्रबंध किया और आर्यन ने प्रकाश और ध्वनि का इंतजाम किया। उन्होंने नाटक को मजेदार और रोमांचक बनाने के लिए कुछ कल्पनाशील तत्व भी जोड़े।
नाटक के दिन, पूरा गाँव इकट्ठा हुआ। जैसे-जैसे नाटक आगे बढ़ा, लोग मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे। नाटक के अंत में, जब सच सामने आया कि ‘bhoot wali kahani’ सिर्फ एक कहानी थी, लोग हँस पड़े और तालियाँ बजाईं।
बूढ़े व्यक्ति ने मंच पर आकर कहा, “मैं इस नाटक के लिए तुम सबका धन्यवाद करता हूँ। तुमने इस कहानी को एक नया मोड़ दिया है और मुझे सच बताने का साहस दिया है।”
गाँव वालों ने भी रवि और उसके दोस्तों की सराहना की। इस नाटक ने न केवल ‘bhoot wali kahani’ का रहस्य खोला, बल्कि गाँव में एक नया जोश भी भर दिया।
रवि ने अपने दोस्तों से कहा, “हमने न केवल इस ‘bhoot wali kahani’ का रहस्य सुलझाया, बल्कि गाँव को एक नई कहानी भी दी। यह साहस और दोस्ती का एक अद्भुत अनुभव था।”
अब वह पुरानी हवेली गाँव का एक सांस्कृतिक केंद्र बन गई थी। वहाँ नाटक, संगीत और कला के कार्यक्रम होते थे। लोग वहाँ बिना किसी डर के जाते और हवेली की सुंदरता का आनंद लेते।
इस तरह, ‘bhoot wali kahani‘ ने गाँव को एक नई दिशा दी और लोगों को यह सिखाया कि कभी-कभी कहानियाँ सिर्फ कहानियाँ होती हैं, लेकिन वे हमें एकजुट करने और सिखाने का काम करती हैं।